मुंबई का जैन समाज क्योंकि बहुत गुस्से में
कभी भी किसी का भी एक मंदिर होता है जहां लोग पूजा अर्चना करते हैं और जहां भी जाते थे पूजा होती है भगवान की और भगवान इंपॉर्टेंट होता है भगवान से बढ़कर कोई भी चीज होती ही नहीं है जिस चीज में जिसकी इच्छा उसके लिए वह भगवान होता है|
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