हादसे में बची श्रीमद् भागवत गीता
अहमदाबाद में हुए ट्रेन हादसे में एक चमत्कारी बात सामने आई। हादसे में सब कुछ जलकर राख हो गया, पर भगवान श्रीकृष्ण की श्रीमद् भागवत गीता की पुस्तक पूरी तरह सुरक्षित बच गई। यह किताब एक व्यक्ति के बैग में थी, जो शायद उसे पढ़ रहा था। इतना भयंकर आग और तबाही के बावजूद उस किताब का बच जाना यह साबित करता है कि भगवान इस दुनिया में हैं और सब कुछ देख रहे हैं।
भगवान की महिमा और कलियुग की सच्चाई
आज का समय कलियुग है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने पहले ही कहा था कि “मैं कल्कि अवतार लेकर आऊँगा।” अब इस युग में हालात इतने खराब हो चुके हैं — रेप, अमीरों का अत्याचार, गरीबों की लूट, भ्रष्टाचार — कि लगता है वह अवतार कभी भी आ सकता है। भगवान सब कुछ देख रहे हैं और उनके न्याय से कोई नहीं बच सकता।
गरीबों पर हो रहा अन्याय
आज गरीब आदमी अस्पताल जाता है तो उससे लाखों रुपए वसूले जाते हैं। उसे न्याय नहीं मिलता। अस्पताल और डॉक्टर मुनाफा कमाने में लगे हैं। वहीं कुछ ऐसे सरकारी अस्पताल जैसे रतलाम का जीडी हॉस्पिटल, जिसमें खुलेआम भ्रष्टाचार हो चुका है, वह आज भी बंद नहीं हुआ है। यह समझ से बाहर है कि सरकार एक छोटे से कर्मचारी को रिश्वत के लिए जेल भेज देती है, लेकिन इतने बड़े अस्पताल को बंद नहीं कर पाती।
सरकार की लाचारी और सिस्टम की सच्चाई
सवाल यह है कि अगर एक आम आदमी गलती करता है, तो उसके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाता है। लेकिन जब लाखों-करोड़ों का घोटाला होता है, तब वह अस्पताल या संस्था आराम से चलती रहती है। यह दोहरा मापदंड क्यों है? क्या कानून सिर्फ गरीबों के लिए बना है?
भगवान का न्याय और कर्मों का फल
जो लोग गरीबों को लूटते हैं, उनका कर्म भगवान देख रहे हैं। भगवान सबका हिसाब रखते हैं। चाहे वह कितना भी बड़ा नेता या अधिकारी क्यों न हो, भगवान के सामने सब बराबर हैं। जो जैसा करेगा, वैसा ही फल पाएगा — यह कर्म का सिद्धांत है।
भागवत गीता का संदेश और आस्था की शक्ति
इस भयंकर हादसे में सब कुछ नष्ट हो गया, लेकिन श्रीमद् भागवत गीता बच गई। यह सिर्फ एक किताब नहीं है, यह भगवान का आशीर्वाद और अस्तित्व का प्रमाण है। यही किताब बताती है कि जीवन में आस्था, सद्कर्म और सत्य का मार्ग ही सबसे श्रेष्ठ है।
पुनर्जन्म और आपके कर्मों की छाया
जो लोग पाप करेंगे, पैसे के पीछे दूसरों का शोषण करेंगे, उन्हें पुनर्जन्म में कीट, चींटी, रेंगने वाले जीव के रूप में जन्म मिल सकता है। और जो अच्छा कर्म करेंगे, सच्चे मन से भगवान को मानेंगे, उन्हें श्रेष्ठ जीवन और सद्बुद्धि मिलेगी।
अंतिम संदेश: हरे कृष्ण, राधे कृष्ण
हमेशा भगवान का स्मरण करते रहो — “हरे कृष्ण, हरे राम, राधे राधे।” यही जीवन का सच्चा सार है। पैसा, रिश्ते, सत्ता – सब कुछ बदल सकता है, लेकिन भगवान के साथ आपका रिश्ता अटल है। इसलिए सच्चे मन से आस्था रखो, अच्छा कर्म करो, और भगवान पर विश्वास बनाए रखो।