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Ahmedabad Plane Crash Today | Air India Crash: Pilots Sent “Mayday Call”, Then Silence

Ahmedabad Plane Crash Today | Air India Crash: Pilots Sent "Mayday Call", Then Silence | New Visuals

“मेड मेड मेडे”: अहमदाबाद विमान हादसा – एक भयंकर त्रासदी

अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा बेहद भयानक और दिल दहला देने वाला था। एयर इंडिया का यह विमान, जो लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, उड़ान के कुछ ही सेकंड बाद एक मेडिकल हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया। जैसे ही प्लेन ने टकराया, भीषण आग लग गई और चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई।


तीन बार “मेडे” का सिग्नल

प्लेन में दो पायलट मौजूद थे। दुर्घटना से पहले पायलट्स ने तीन बार “मेडे” सिग्नल दिया — जिसका मतलब होता है कि विमान में गंभीर समस्या है। लेकिन उन्हें इतना भी समय नहीं मिला कि वे कुछ कर पाते। विमान सीधे इमारत से टकरा गया। दोनों पायलटों की भी मौके पर ही मौत हो गई।


एक चमत्कारी बचाव

विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक यात्री बच पाया। उसका नाम रमेश कुमार विश्वास बताया गया है, जो 11A सीट पर बैठा था। वह ब्रिटिश नागरिक है और उसका परिवार लंदन में रहता है।
संभावना है कि वह सीट इमरजेंसी गेट के पास थी, और जैसे ही गेट खुला, वह व्यक्ति या तो गेट से बाहर गिर गया या उसने छलांग लगा दी। वह व्यक्ति चलने में असमर्थ था, लेकिन किसी तरह एंबुलेंस तक पहुंचा और इलाज के लिए अस्पताल गया।


मेडिकल हॉस्टल में हुई मौतें

प्लेन जिस इमारत से टकराया वह एक मेडिकल हॉस्टल था, जहां छात्र लंच कर रहे थे। एक अनुमान के अनुसार वहां लगभग 70–75 छात्र मौजूद थे। हादसे के बाद हॉस्टल मालिक ही बता सकता है कि कितने छात्र लापता हैं। संभव है कि अधिकांश की मौत हो चुकी हो। यह एक मानव त्रासदी है जिसकी कल्पना भी मुश्किल है।


परिवारों का टूटना

हादसे में कई दिल तोड़ने वाले मामले सामने आए:

  • एक पिता अपनी बेटी को लंदन भेजने आया था, लेकिन जैसे ही वह बाहर गया, प्लेन क्रैश की खबर आ गई।
  • एक परिवार जिसमें तीन बच्चे, एक मां और पिता शामिल थे, वे भी मारे गए।
  • दो लड़कियाँ जो अपनी नानी का जन्मदिन मनाने भारत आई थीं, लौटते समय इस हादसे का शिकार हो गईं।
  • गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, जो अपनी बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे, उनकी भी मौत की पुष्टि हो चुकी है।

बिना सूचना वाले यात्री

कुछ यात्री ऐसे भी थे जिन्होंने किसी को बताए बिना लंदन की उड़ान पकड़ी थी। अब उनके परिवार उन्हें ढूंढ रहे हैं, लेकिन किसी का पता नहीं चल पा रहा। 241 यात्रियों में हर कोई किसी की उम्मीद, किसी का सपना लेकर उड़ान पर निकला था — पर वह सपना अब टूट चुका है।


एक सवाल – कौन जिम्मेदार है?

यह हादसा सिर्फ तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि कई ज़िंदगियों का अंत है। इस पर कड़ी जांच की आवश्यकता है कि आखिर क्यों इतनी बड़ी दुर्घटना हुई, और क्या इसे रोका जा सकता था।


निष्कर्ष

यह विमान हादसा हमें यह याद दिलाता है कि जीवन कितना अनिश्चित है। एक छोटी सी चूक, सैकड़ों जिंदगियों को खत्म कर सकती है। यह दुखद घटना सिर्फ आंकड़ों की नहीं, सपनों के बिखरने की कहानी है।

 

One comment
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हादसे में कई दिल तोड़ने वाले मामले सामने आए। यह पढ़कर मन बहुत दुखी हो गया। क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक कदम उठाए जा सकते हैं? मुझे लगता है कि सरकार और समाज को मिलकर ऐसे मामलों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। क्या आपको नहीं लगता कि इस तरह की घटनाओं के बाद लोगों को मानसिक सहायता की आवश्यकता होती है? मैं यह जानना चाहूंगा कि इस हादसे के पीछे क्या कारण थे और क्या इससे सीख लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है? क्या आपके पास इसे लेकर कोई सुझाव है?

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